Thursday, February 2, 2012

Swami Vivekanand stories -1

एक बार जब स्वामी विवेकानंद जी अमेरिका गए थे, एक महिला ने उनसे शादी करने की
इच्छा जताई। जब स्वामी विवेकानंद ने उस महिला से ये पुछा कि आप ने ऐसा
प्रश्न क्यूँ किया ?

उस महिला का उत्तर था कि वो उनकी बुद्धि से बहुत मोहित है और उसे एक ऐसे ही बुद्धिमान बच्चे कि कामना है।

इसीलिए उसने स्वामी से ये प्रश्न कि क्या वो उससे शादी कर सकते है और उसे अपने जैसा एक बच्चा दे सकते हैं ?

उन्होंने महिला से कहा कि चूँकि वो सिर्फ उनकी बुद्धि पर मोहित हैं इसलिए कोई समस्या नहीं है। उन्होंने कहा:
...

“ प्रिये महिला, मैं आपकी इच्छा को समझता हूँ। शादी करना और इस दुनिया में
एक बच्चा लाना और फिर जानना कि वो बुद्धिमान है कि नहीं, इसमें बहुत समय
लगेगा, इसके अलावा ऐसा हो इसकी गारंटी भी नहीं है।
इसके बजाय, आपकी इच्छा को तुरंत पूरा करने हेतु मैं आपको एक सुझाव दे सकता हूँ।

आप मुझे अपने बच्चे के रूप में स्वीकार कर लें। इस प्रकार आप मेरी माँ बन
जाएँगी और इस प्रकार मेरे जैसे बुद्धिमान बच्चा पाने की आपकी इच्छा भी
पूर्ण हो जाएगी।“

-: ये काम एक सुसंस्कृत भारतीय ही कर सकता है
,यह समस्त विश्व हम भारतीयों को हमारे वर्तमान तरक्की ,या नई शक्तिशाली
सेना या व्यापार के लिए नहीं पसंद करता , बल्कि यह विश्व हमें हमारी 20,000
+ वर्ष पुरानी संस्कृति के लिए पसंद करता है ,सिर्फ यही हमारी पहचान है
......जय हिंद !!!!!!!

एक सच हमारी आज़ादी के बारे में

क्या सच में "आजादी बिना खड़क बिना ढाल" के मिली ? ....
कृपया निम्न तथ्यों को बहुत ही ध्यान से तथा मनन करते हुए पढ़िये:-
1. 1942 के ‘भारत छोड़ो’ आन्दोलन को ब्रिटिश सरकार कुछ ही हफ्तों में कुचल कर रख देती है।
2. 1945 में ब्रिटेन विश्वयुद्ध में ‘विजयी’ देश के रुप में उभरता है।
3. ब्रिटेन न केवल इम्फाल-कोहिमा सीमा पर आजाद हिन्द फौज को पराजित करता है, बल्कि जापानी सेना को बर्मा से भी निकाल बाहर करता है।
4. इतना ही नहीं, ब्रिटेन और भी आगे बढ़कर सिंगापुर तक को वापस अपने कब्जे में लेता है।
5. जाहिर है, इतना खून-पसीना ब्रिटेन ‘भारत को आजाद करने’ के लिए तो नहीं ही बहा रहा है। अर्थात् उसका भारत से लेकर सिंगापुर तक अभी जमे रहने का इरादा है।
6. फिर 1945 से 1946 के बीच ऐसा कौन-सा चमत्कार होता है कि ब्रिटेन हड़बड़ी में भारत छोड़ने का निर्णय ले लेता है?
हमारे शिक्षण संस्थानों में आधुनिक भारत का जो इतिहास पढ़ाया जाता है, उसके पन्नों में सम्भवतः इस प्रश्न का उत्तर नहीं मिलेगा। हम अपनी ओर से भी इसका उत्तर जानने की कोशिश नहीं करते- क्योंकि हम बचपन से ही सुनते आये हैं- दे दी हमें आजादी बिना खड्ग बिना ढाल, साबरमती के सन्त तूने कर दिया कमाल। इससे आगे हम और कुछ जानना नहीं चाहते।
(प्रसंगवश- 1922 में असहयोग आन्दोलन को जारी रखने पर जो आजादी मिलती, उसका पूरा श्रेय गाँधीजी को जाता। मगर “चौरी-चौरा” में ‘हिंसा’ होते ही उन्होंने अपना ‘अहिंसात्मक’ आन्दोलन वापस ले लिया, जबकि उस वक्त अँग्रेज घुटने टेकने ही वाले थे! दरअसल गाँधीजी ‘सिद्धान्त’ व ‘व्यवहार’ में अन्तर नहीं रखने वाले महापुरूष हैं, इसलिए उन्होंने यह फैसला लिया। हालाँकि एक दूसरा रास्ता भी था- कि गाँधीजी ‘स्वयं अपने आप को’ इस आन्दोलन से अलग करते हुए इसकी कमान किसी और को सौंप देते। मगर यहाँ ‘अहिंसा का सिद्धान्त’ भारी पड़ जाता है- ‘देश की आजादी’ पर।)
यहाँ हम 1945-46 के घटनाक्रमों पर एक निगाह डालेंगे और उस ‘चमत्कार’ का पता लगायेंगे, जिसके कारण और भी सैकड़ों वर्षों तक भारत में जमे रहने की ईच्छा रखने वाले अँग्रेजों को जल्दीबाजी में फैसला बदलकर भारत से जाना पड़ा।
(प्रसंगवश- जरा अँग्रेजों द्वारा भारत में किये गये ‘निर्माणों’ पर नजर डालें- दिल्ली के ‘संसद भवन’ से लेकर अण्डमान के ‘सेल्यूलर जेल’ तक- हर निर्माण 500 से 1000 वर्षों तक कायम रहने एवं इस्तेमाल में लाये जाने के काबिल है!)
***
लालकिले के कोर्ट-मार्शल के खिलाफ देश के नागरिकों ने जो उग्र प्रदर्शन किये, उससे साबित हो गया कि जनता की सहानुभूति आजाद हिन्द सैनिकों के साथ है।
इस पर भारतीय सेना के जवान दुविधा में पड़ जाते हैं।
फटी वर्दी पहने, आधा पेट भोजन किये, बुखार से तपते, बैलगाड़ियों में सामान ढोते और मामूली बन्दूक हाथों में लिये बहादूरी के साथ “भारत माँ की आजादी के लिए” लड़ने वाले आजाद हिन्द सैनिकों को हराकर एवं बन्दी बनाकर लाने वाले ये भारतीय जवान ही तो थे, जो “महान ब्रिटिश सम्राज्यवाद की रक्षा के लिए” लड़ रहे थे! अगर ये जवान सही थे, तो देश की जनता गलत है; और अगर देश की जनता सही है, तो फिर ये जवान गलत थे! दोनों ही सही नहीं हो सकते।
सेना के भारतीय जवानों की इस दुविधा ने आत्मग्लानि का रुप लिया, फिर अपराधबोध का और फिर यह सब कुछ बगावत के लावे के रुप में फूटकर बाहर आने लगा।
फरवरी 1946 में, जबकि लालकिले में मुकदमा चल ही रहा था, रॉयल इण्डियन नेवी की एक हड़ताल बगावत में रुपान्तरित हो जाती है।* कराची से मुम्बई तक और विशाखापत्तनम से कोलकाता तक जलजहाजों को आग के हवाले कर दिया जाता है। देश भर में भारतीय जवान ब्रिटिश अधिकारियों के आदेशों को मानने से इनकार कर देते हैं। मद्रास और पुणे में तो खुली बगावत होती है। इसके बाद जबलपुर में बगावत होती है, जिसे दो हफ्तों में दबाया जा सका। 45 का कोर्ट-मार्शल करना पड़ता है।
यानि लालकिले में चल रहा आजाद हिन्द सैनिकों का कोर्ट-मार्शल देश के सभी नागरिकों को तो उद्वेलित करता ही है, सेना के भारतीय जवानों की प्रसिद्ध “राजभक्ति” की नींव को भी हिला कर रख देता है।
जबकि भारत में ब्रिटिश राज की रीढ़ सेना की यह “राजभक्ति” ही है!
***
बिल्कुल इसी चीज की कल्पना नेताजी ने की थी. जब (मार्च’44 में) वे आजाद हिन्द सेना लेकर इम्फाल-कोहिमा सीमा पर पहुँचे थे। उनका आव्हान था- जैसे ही भारत की मुक्ति सेना भारत की सीमा पर पहुँचे, देश के अन्दर भारतीय नागरिक आन्दोलित हो जायें और ब्रिटिश सेना के भारतीय जवान बगावत कर दें।
इतना तो नेताजी भी जानते होंगे कि-
1. सिर्फ तीस-चालीस हजार सैनिकों की एक सेना के बल पर दिल्ली तक नहीं पहुँचा जा सकता, और
2. जापानी सेना की ‘पहली’ मंशा है- अमेरिका द्वारा बनवायी जा रही (आसाम तथा बर्मा के जंगलों से होते हुए चीन तक जानेवाली) ‘लीडो रोड’ को नष्ट करना; भारत की आजादी उसकी ‘दूसरी’ मंशा है।
ऐसे में, नेताजी को अगर भरोसा था, तो भारत के अन्दर ‘नागरिकों के आन्दोलन’ एवं ‘सैनिकों की बगावत’ पर। ...मगर दुर्भाग्य, कि उस वक्त देश में न आन्दोलन हुआ और न ही बगावत।
इसके भी कारण हैं।
पहला कारण, सरकार ने प्रेस पर पाबन्दी लगा दी थी और यह प्रचार (प्रोपागण्डा) फैलाया था कि जापानियों ने भारत पर आक्रमण किया है। सो, सेना के ज्यादातर भारतीय जवानों की यही धारणा थी।
दूसरा कारण, फॉरवर्ड ब्लॉक के कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया गया था, अतः आम जनता के बीच इस बात का प्रचार नहीं हो सका कि इम्फाल-कोहिमा सीमा पर जापानी सैनिक नेताजी के नेतृत्व में युद्ध कर रहे हैं।
तीसरा कारण, भारतीय जवानों का मनोबल बनाये रखने के लिए ब्रिटिश सरकार ने नामी-गिरामी भारतीयों को सेना में कमीशन देना शुरु कर दिया था। इस क्रम में महान हिन्दी लेखक सच्चिदानन्द हीरानन्द वात्सयायन 'अज्ञेय' भी 1943 से 46 तक सेना में रहे और वे ब्रिटिश सेना की ओर से भारतीय जवानों का मनोबल बढ़ाने सीमा पर पहुँचे थे। (ऐसे और भी भारतीय रहे होंगे।)
चौथा कारण, भारत का प्रभावशाली राजनीतिक दल काँग्रेस पार्टी गाँधीजी की ‘अहिंसा’ के रास्ते आजादी पाने का हिमायती था, उसने नेताजी के समर्थन में जनता को लेकर कोई आन्दोलन शुरु नहीं किया। (ब्रिटिश सेना में बगावत की तो खैर काँग्रेस पार्टी कल्पना ही नहीं कर सकती थी!- ऐसी कल्पना नेताजी-जैसे तेजस्वी नायक के बस की बात है। ...जबकि दुनिया जानती थी कि इन “भारतीय जवानों” की “राजभक्ति” के बल पर ही अँग्रेज न केवल भारत पर, बल्कि आधी दुनिया पर राज कर रहे हैं।)
पाँचवे कारण के रुप में प्रसंगवश यह भी जान लिया जाय कि भारत के दूसरे प्रभावशाली राजनीतिक दल भारत की कम्यूनिस्ट पार्टी ने ब्रिटिश सरकार का साथ देते हुए आजाद हिन्द फौज को जापान की 'कठपुतली सेना' (पपेट आर्मी) घोषित कर रखा था। नेताजी के लिए भी अशोभनीय शब्द तथा कार्टून का इस्तेमाल उन्होंने किया था।
***
खैर, जो आन्दोलन एवं बगावत 1944 में नहीं हुआ, वह डेढ़-दो साल बाद होता है और लन्दन में राजमुकुट यह महसूस करता है कि भारतीय सैनिकों की जिस “राजभक्ति” के बल पर वे आधी दुनिया पर राज कर रहे हैं, उस “राजभक्ति” का क्षरण शुरू हो गया है... और अब भारत से अँग्रेजों के निकल आने में ही भलाई है।
वर्ना जिस प्रकार शाही भारतीय नौसेना के सैनिकों ने बन्दरगाहों पर खड़े जहाजों में आग लगाई है, उससे तो अँग्रेजों का भारत से सकुशल निकल पाना ही एक दिन असम्भव हो जायेगा... और भारत में रह रहे सारे अँग्रेज एक दिन मौत के घाट उतार दिये जायेंगे।
लन्दन में ‘सत्ता-हस्तांतरण’ की योजना बनती है। भारत को तीन भौगोलिक तथा दो धार्मिक हिस्सों में बाँटकर इसे सदा के लिए शारीरिक-मानसिक रूप से अपाहिज बनाने की कुटिल चाल चली जाती है। और भी बहुत-सी शर्तें अँग्रेज जाते-जाते भारतीयों पर लादना चाहते हैं। (ऐसी ही एक शर्त के अनुसार रेलवे का एक कर्मचारी आज तक वेतन ले रहा है, जबकि उसका पोता पेन्शन पाता है!) इनके लिए जरूरी है कि सामने वाले पक्ष को भावनात्मक रूप से कमजोर बनाया जाय।




लेडी एडविना माउण्टबेटन के चरित्र को देखते हुए बर्मा के गवर्नर लॉर्ड माउण्टबेटन को भारत का अन्तिम वायसराय बनाने का निर्णय लिया जाता है- लॉर्ड वावेल के स्थान पर। एटली की यह चाल काम कर जाती है। विधुर नेहरूजी को लेडी एडविना अपने प्रेमपाश में बाँधने में सफल रहती हैं और लॉर्ड माउण्टबेटन के लिए उनसे शर्तें मनवाना आसान हो जाता है!
(लेखकद्वय लैरी कॉलिन्स और डोमेनिक लेपियरे द्वारा भारत की आजादी पर रचित प्रसिद्ध पुस्तक “फ्रीडम एट मिडनाईट” में एटली की इस चाल को रेखांकित किया गया है।)
***
बचपन से ही हमारे दिमाग में यह धारणा बैठा दी गयी है कि ‘गाँधीजी की अहिंसात्मक नीतियों से’ हमें आजादी मिली है। इस धारणा को पोंछकर दूसरी धारणा दिमाग में बैठाना कि ‘नेताजी और आजाद हिन्द फौज की सैन्य गतिविधियों के कारण’ हमें आजादी मिली- जरा मुश्किल काम है। अतः नीचे खुद अँग्रेजों के ही नजरिये पर आधारित कुछ उदाहरण प्रस्तुत किये जा रहे हैं, जिन्हें याद रखने पर शायद नयी धारणा को दिमाग में बैठाने में मदद मिले-
***
सबसे पहले, माईकल एडवर्ड के शब्दों में ब्रिटिश राज के अन्तिम दिनों का आकलन:
“भारत सरकार ने आजाद हिन्द सैनिकों पर मुकदमा चलाकर भारतीय सेना के मनोबल को मजबूत बनाने की आशा की थी। इसने उल्टे अशांति पैदा कर दी- जवानों के मन में कुछ-कुछ शर्मिन्दगी पैदा होने लगी कि उन्होंने ब्रिटिश का साथ दिया। अगर बोस और उनके आदमी सही थे- जैसाकि सारे देश ने माना कि वे सही थे भी- तो भारतीय सेना के भारतीय जरूर गलत थे। भारत सरकार को धीरे-धीरे यह दीखने लगा कि ब्रिटिश राज की रीढ़- भारतीय सेना- अब भरोसे के लायक नहीं रही। सुभाष बोस का भूत, हैमलेट के पिता की तरह, लालकिले (जहाँ आजाद हिन्द सैनिकों पर मुकदमा चला) के कंगूरों पर चलने-फिरने लगा, और उनकी अचानक विराट बन गयी छवि ने उन बैठकों को बुरी तरह भयाक्रान्त कर दिया, जिनसे आजादी का रास्ता प्रशस्त होना था।”
***
अब देखें कि ब्रिटिश संसद में जब विपक्षी सदस्य प्रश्न पूछते हैं कि ब्रिटेन भारत को क्यों छोड़ रहा है, तब प्रधानमंत्री एटली क्या जवाब देते हैं।
प्रधानमंत्री एटली का जवाब दो विन्दुओं में आता है कि आखिर क्यों ब्रिटेन भारत को छोड़ रहा है-
1. भारतीय मर्सिनरी (पैसों के बदले काम करने वाली- पेशेवर) सेना ब्रिटिश राजमुकुट के प्रति वफादार नहीं रही, और
2. इंग्लैण्ड इस स्थिति में नहीं है कि वह अपनी (खुद की) सेना को इतने बड़े पैमाने पर संगठित एवं सुसज्जित कर सके कि वह भारत पर नियंत्रण रख सके।
***
यही लॉर्ड एटली 1956 में जब भारत यात्रा पर आते हैं, तब वे पश्चिम बंगाल के राज्यपाल निवास में दो दिनों के लिए ठहरते हैं। कोलकाता उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश चीफ जस्टिस पी.बी. चक्रवर्ती कार्यवाहक राज्यपाल हैं। वे लिखते हैं:
“... उनसे मेरी उन वास्तविक विन्दुओं पर लम्बी बातचीत होती है, जिनके चलते अँग्रेजों को भारत छोड़ना पड़ा। मेरा उनसे सीधा प्रश्न था कि गाँधीजी का "भारत छोड़ो” आन्दोलन कुछ समय पहले ही दबा दिया गया था और 1947 में ऐसी कोई मजबूर करने वाली स्थिति पैदा नहीं हुई थी, जो अँग्रेजों को जल्दीबाजी में भारत छोड़ने को विवश करे, फिर उन्हें क्यों (भारत) छोड़ना पड़ा? उत्तर में एटली कई कारण गिनाते हैं, जिनमें प्रमुख है नेताजी की सैन्य गतिविधियों के परिणामस्वरुप भारतीय थलसेना एवं जलसेना के सैनिकों में आया ब्रिटिश राजमुकुट के प्रति राजभक्ति में क्षरण। वार्तालाप के अन्त में मैंने एटली से पूछा कि अँग्रेजों के भारत छोड़ने के निर्णय के पीछे गाँधीजी का कहाँ तक प्रभाव रहा? यह प्रश्न सुनकर एटली के होंठ हिकारत भरी मुस्कान से संकुचित हो गये जब वे धीरे से इन शब्दों को चबाते हुए बोले, “न्यू-न-त-म!” ”
(श्री चक्रवर्ती ने इस बातचीत का जिक्र उस पत्र में किया है, जो उन्होंने आर.सी. मजूमदार की पुस्तक ‘हिस्ट्री ऑव बेंगाल’ के प्रकाशक को लिखा था।)
***
निष्कर्ष के रुप में यह कहा जा सकता है कि:-
1. अँग्रेजों के भारत छोड़ने के हालाँकि कई कारण थे, मगर प्रमुख कारण यह था कि भारतीय थलसेना एवं जलसेना के सैनिकों के मन में ब्रिटिश राजमुकुट के प्रति राजभक्ति में कमी आ गयी थी और- बिना राजभक्त भारतीय सैनिकों के- सिर्फ अँग्रेज सैनिकों के बल पर सारे भारत को नियंत्रित करना ब्रिटेन के लिए सम्भव नहीं था।
2. सैनिकों के मन में राजभक्ति में जो कमी आयी थी, उसके कारण थे- नेताजी का सैन्य अभियान, लालकिले में चला आजाद हिन्द सैनिकों पर मुकदमा और इन सैनिकों के प्रति भारतीय जनता की सहानुभूति।
3. अँग्रेजों के भारत छोड़कर जाने के पीछे गाँधीजी या काँग्रेस की अहिंसात्मक नीतियों का योगदान नहीं के बराबर रहा।

सो, अगली बार आप भी ‘दे दी हमें आजादी ...’ वाला गीत गाने से पहले जरा पुनर्विचार कर लीजियेगा।

Wednesday, January 25, 2012

India's Contribution To the World

1)महाभारत दुनिया का सबसे बड़ा काव्य संग्रह हे।
2) पेंटियम चिप ( Pentium ) के निर्माता विनोद धम भारतीय हैं ।
3)विश्व का तीसरा सबसे अमीर व्यक्ति लक्ष्मी मित्तल भारतीय हैं ।( Fortune पत्रिका के अनुसार )
4)बेब आधारित ई-मेल में हॉट मेल प्रथम है, इसके निर्माता सबीर भाटिया भारतीय हैं ।
5)एटी एंड टी बैल लेबोरेट्री जहाँ कम्पुटर की भाषा C , C++ , Unix बनी वहाँ केप्रेसिडेंट ( President ) अरुन नेत्रावली भारतीय हैं ।
6)Hewlett Packard के जनरल मैनेजर राजीव गुप्ता भारतीय हैं ।
7)माइक्रोसोफ्ट के Testing Director of Windows 2000 सजंय तेजवरिका भारतीय हैं ।
8)सिटी बैंक , Mckensey और Standard chart के Chief Executives क्रमश विक्टोर मेनेजेस , रजत गुप्ता और राना तलवार सभी भारतीय है।
9)निया के सबसे प्रतिष्ठित गणितज्ञ संस्थान ‘अमेरिकन मैथेमेटिकल सोसाइटी’ ने भी अपनी मैगजीन ‘मैथ डाइजेस्ट’ के ताजा अंक में आनंद कुमार को हीरो के तौर पर उभारा है
10)जब कई संस्कृतियाँ 5000 साल पहले घुमंतू वनवासी थीं, भारतीय सिंधु घाटी (सिंधु घाटी सभ्यता) में हड़प्पा संस्कृति की स्थापना हुई।
11)भारत का अंग्रेजी में नाम ‘इंडिया’ इंडस नदी से बना है, जिसके आस पास की घाटी में आरंभिकसभ्यंताएं निवास करती थीं। आर्य पूजकों में इस इंडस नदी को सिंधुकहा गया ।
12) शतरंज की खोज भारत में की गईथी।
13)बीज गणित, त्रिकोण मिति और कलन का अध्य्यन भारत में ही आरंभहुआ था।
14)‘स्था न मूल्यो प्रणाली’ और ‘दशमलव प्रणाली’ का विकास भारत में 100 वर्ष ईसा पूर्व में हुआथा।
15)भारत विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र और विश्व का छठवां सबसेबड़ा देश तथा प्राचीन सभ्यभताओं में से एक है।
16)भारत में, विश्व भर से सबसे, अधिक संख्या में डाक घर स्थित हैं।
17)विश्व का सबसे बड़ा नियोक्ताभारतीय रेल है, जिसमें दस लाख से अधिक लोग काम करते हैं।
18)विश्वम का प्रथम विश्वंविद्यालय 700 वर्ष ईसा पूर्व, तक्षशिला में स्था पितकिया गया था। इसमें 60 से अधिक विषयों में 10,500 से अधिक छात्र दुनियाभर सेआकर अध्यन करते थे। नालंदा विश्ववविद्यालय चौथी शताब्दी, में स्था पित किया गया था जो शिक्षा के क्षेत्र में प्राचीन भारत की महानतम उपलब्धियों में से एक है।
19)आयुर्वेद मानव जाति के लिए ज्ञात सबसे आरंभिक चिकित्सा शाखा है। शाखा विज्ञान के जनक माने जाने वाले चरक ऋषि नें 2500 वर्ष पहले आयुर्वेद का समेकन किया था।
20) भारतीय गणितज्ञ बुधायन द्वारा ‘पाई’ का मूल्य ज्ञात कियागया था और उन्होंने जिस संकल्परना को समझाया उसे पाइथागोरस की प्रमेय करते हैं।
21.सन माईक्रोसिसटमस (Sun MicroSystems ) के को-फाउंडर विनोद खोसंला भारतीय है।
22.भारत 17वीं शताब्दी के आरंभ तक ब्रिटिश राज्य आने से पहले सबसे सम्पन्न देश था। क्रिस्टोफर कोलम्बस ने भारत की सम्पन्नता से आकर्षित हो कर भारतआने का समुद्री मार्ग खोजा, उसनेगलती से अमेरिका को खोज लिया।
23नौवहन की कला और नौवहन का जन्म 6000 वर्ष पहले सिंध नदी में हुआ था। दुनिया का सबसे पहलानौवहन संस्कृत शब्द नवगति से उत्पन्न हुआ है। शब्द नौ सेना भीसंस्कृत शब्द नोउ से हुआ।
24भास्काराचार्य ने खगोल शास्त्र के कई सौ साल पहले पृथ्वी द्वारा सूर्य के चारों ओरचक्कर लगाने में लगने वाले सही समय की गणना की थी। उनकी गणना के अनुसार सूर्य की परिक्रमा में पृथ्वी को 365.258756484 दिन का समय लगता है।
25. हॉलीवुड ने पहचानी हिन्दी की ताकत – बहुचर्चित मशहूर ओर कामयाबी का नया इतिहास रचने वालीचलचित्र ( फ़िल्म) को दिया वैश्विक हिन्दी नाम 'अवतार'
26. विश्व विरासत बना ऋग्वेद(हिंदू धर्म का पवित्र ग्रंथ ) यूनेस्को ने ऋग्वेद की 1800 से 1500 ई.पू. की 30 पांडुलिपियों को सांस्कृतिक धरोहरों की सूची में शामिल किया है।
27. विश्व में मोबाइल की सबसे बड़ी कंपनी नोकिया ने हाल ही लन्दन में अपने तीन नए मॉडल बाजार में उतारे आपको ये जानकर खुशी होगी कि इन तीनो मॉडल्स को कंपनी ने हिन्दी का नाम दिया है. इन्हें अमेरिका, यूरोप और एशिया यानी पूरी दुनिया में आशा-300 और आशा-200 मॉडल के फोन लांच किए जाएंगे।
28.अटल बिहारी वाजपयी वे पहले भारतीय थे जिन्होंने संयुक्त राष्ट्र संघ (1977) में हिंदी में भाषण देकर भारत को गौरवान्वित किया था।
 Source Facebook

Tuesday, January 17, 2012

Detecting browser refresh or F5 click on page in c#

Friends,
     I found an interesting problem in my application.
after saving data in database I clear the page and reset all control at the page. but If I click on browser refresh or press F5 on keyboard, Page get post back and save/ update or button click execute again with old values which were exists just before reset data.
So now the records or operation process again which is wrong in my condition and I do not want to process that code again.
I search a lot over Internet for the solution of the above problem and after a lot of findings I found a working solution for me.

So I am going to explain the solution for the convenience of the other developers

#region code to determine Refresh state of Page ie. button click or F5 hit
    private bool _refreshState; private bool _isRefresh;

    protected override void LoadViewState(object savedState)
    {
        object[] AllStates = (object[])savedState;
        base.LoadViewState(AllStates[0]);
        _refreshState = bool.Parse(AllStates[1].ToString());
        _isRefresh = _refreshState == bool.Parse(Session["__ISREFRESH"].ToString());
    }

    protected override object SaveViewState()
    {
        Session["__ISREFRESH"] = _refreshState;
        object[] AllStates = new object[2];
        AllStates[0] = base.SaveViewState();
        AllStates[1] = !(_refreshState);
        return AllStates;
    }
    #endregion

   protected void imgbtnSave_Click(object sender, ImageClickEventArgs e)
    {
        try
        {
            if (!_isRefresh)
            {
         // your code goes here
        }
    }
    }
if  _isRefresh variable is true then user refresh the browser or click F5 


hope this code helps you.....................

Thursday, January 12, 2012

INSERT ROW FROM ONE TABLE TO ANOTHER

Hello Friends,

below written query describes us how to insert Data From One table to another in same Schema Database in oracle


INSERT INTO TX_ITEM_IR_TRN_SUB
   (
-- provide all column here of table i.e. TX_ITEM_IR_TRN_SUB
SELECT   T.YEAR,
             T.COMP_CODE,
             T.BRANCH_CODE,
             T.TRN_TYPE,
             T.TRN_NUMB,
             T.PO_COMP_CODE,
             T.PO_BRANCH,
             T.PO_TYPE,
             T.PO_NUMB,
             T.ITEM_CODE,
             T.TRN_QTY,
             0,
             'UnChecked',
             'NA',
             'NA',
             SYSDATE,
             'AKHILESH',
             T.TDATE,
             '0',
             T.NO_OF_UNIT,
             T.UOM_OF_UNIT,
             T.WEIGHT_OF_UNIT
      FROM   TX_ITEM_IR_TRN T
     WHERE   SUBSTR (T.TRN_TYPE, 1, 1) = 'R'
             AND (T.YEAR,
                  T.COMP_CODE,
                  T.BRANCH_CODE,
                  T.TRN_TYPE,
                  T.TRN_NUMB,
                  T.PO_COMP_CODE,
                  T.PO_BRANCH,
                  T.PO_TYPE,
                  T.PO_NUMB,
                  T.ITEM_CODE) NOT IN
                      (SELECT   YEAR,
                                COMP_CODE,
                                BRANCH_CODE,
                                TRN_TYPE,
                                TRN_NUMB,
                                PO_COMP_CODE,
                                PO_BRANCH,
                                PO_TYPE,
                                PO_NUMB,
                                ITEM_CODE
                         FROM   TX_ITEM_IR_TRN_SUB));



How to find Current GridViewRow in TextBox text change event

Hello Friends,

Now I am going to explain to find a GridViewRow in TextBox TextChanged Event inside GridView

Some times we had a TextBox or CheckBox or any other control inside GridView and we have to find the GridViewRow when the TextChanged or CheckedChanged or concerned Event fires

The following code show us how to do that

protected void txtTest_TextChanged(object sender, EventArgs e)
    {
       // code to find text box
        TextBox txtTextBox = ((TextBox)(sender));
        // code to find GridViewRow using naming container (bubble Event)
        GridViewRow grdRow = ((GridViewRow)(txtTextBox.NamingContainer));
  
       // code to find Label inside GridViewRow
        Label lblTest = grdRow .FindControl("lblTest") as Label;
      
    }


in same way you can find gridview in any event inside gridview

  protected void chkApproved_CheckedChanged(object sender, EventArgs e)
    {
        try
        {
            CheckBox chk = ((CheckBox)(sender));
            GridViewRow gv1 = ((GridViewRow)(chk.NamingContainer));
        }
        catch (Exception ex)
        {
            // handle your exception
        }
     }    

Finding DataListItem in ItemCommand Event of DataList

Dear Friends,

In this post I am going to show how to get the DataLIstItem in ItemCommand Event of a DataList

Here is code for this purpose

protected void dlTest_ItemCommand(object source, DataListCommandEventArgs e)
{
if (e.CommandName == "FindPersonDetail")
{
DataListItem dlItem = (DataListItem)((Control)e.CommandSource).Parent;
string Empname = ((Label)(item.Controls[1].FindControl("lblEmpName"))).Text;
}

In this code, if the command name is FindPersonDetail then I find DataLIstItem of Datalist of the selected Item using Bubble Event. then I find My Label using that DatalistItem.
You can bypass if condition if you not require that.

Hope this code help you...

Wednesday, January 11, 2012

return a table from Function in Oracle

Hello Guys,

Today I am going to explain how to write a function in oracle which return a table as result set.

We have to follow 3 steps to do so.

Step 1: We are going to create a object type that contains the fields that are going to be returned from function.

CREATE OR REPLACE TYPE emp_type as object 
(
id                     number,
name               varchar2(30),
designation      varchar2(50),
salary              number(16,4)
);
/
execute this statement

Step 2: Now we create a nested table type from above Type


CREATE OR REPLACE TYPE emp_type_Table as table of  emp_type;

execute this statement

Step 3:  So It's time to do our real work i.e. create a function


CREATE OR REPLACE FUNCTION fn_get_emp_salary (Pyear  IN  number,
                                                P id   IN number)
   RETURN emp_type_Table
AS
   v_ret   emp_type_Table ;
BEGIN
   SELECT   CAST (
               MULTISET(
                                      -- your query goes here
                                       select id, name, designation, salary from emp 
                                       where id=Pid and year=Pyear
                              )
     INTO   v_ret
     FROM   DUAL;

   RETURN v_ret;
END fn_get_emp_salary ;
/

execute this function.


Now your function is ready and you can call it as shoen below


select * from table( fn_get_emp_salary(2012,25))

I call the function by sending parameter year as 2012 and id as 25


Hope this post help you in writing function in oracle.........